माफिया की नजर में - 4

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माफ़िया की नज़र में – Part 4: "पहला शक...""कुछ नज़रें नफ़रत से नहीं, खौफ़ से देखती हैं… लेकिन सबसे खतरनाक वो नज़रें होती हैं, जो सच छुपाती हैं।"अहाना की सुबह किसी आम दिन जैसी नहीं थी।उसके सीने में एक अजीब सी बेचैनी थी, जैसे कोई अदृश्य साया हर पल उसे घेर रहा हो। रात की नींद में भी वो उस कागज़ की लाइन को नहीं भूल पाई थी: “क्या तुम्हें पता है… कि रायान ने तुम्हारे पापा की कसम खाई थी?”उसके पापा, जिनकी तस्वीर वो हर दिन देखती थी, और रायान सिंगानिया—एक ऐसा शख्स, जिसके नाम से ही लोग