खामोशी का राज - पार्ट 4

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खामोशी का राज – पार्ट 4अर्शा ने ठाना था कि अब वह अपने परिवार के सदस्यों से मिलकर इस राज़ की परतें खोलना शुरू करेगी। उसने सबसे पहले अपनी माँ से बात करने की सोची, क्योंकि माँ ही परिवार की सबसे बड़ी राखी थी, जो कई राज़ों को छुपाए हुए थी।“माँ, मुझे उस डायरी में जो लिखा है, उसके बारे में बात करनी है,” अर्शा ने एक शाम अपने माँ से कहा।माँ ने कुछ पल तक चुप्पी साधी, फिर धीरे-धीरे बोली, “बेटा, कुछ सच ऐसे होते हैं, जो सुनने और जानने दोनों में दर्द देते हैं। पर अब जब तुम