खामोशी का राज - पार्ट 3

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खामोशी का राज – पार्ट 3अर्शा के मन में सवालों का तूफान मचा हुआ था। उस आदमी की बातें उसके दिमाग़ में बार-बार गूँज रही थीं — “खतरा,” “सच,” और “परिवार के छुपे हुए जख्म।” अब वह समझ गई थी कि यह सिर्फ कोई पुराना झगड़ा नहीं था, बल्कि एक ऐसी कहानी थी, जो उसके पूरे परिवार की तसवीर बदल सकती थी।अगले दिन अर्शा ने उस आदमी से मिलने का फैसला किया। वह उसे ढूंढ़ती हुई एक पुरानी, सुनसान हवेली तक पहुंची, जहां वह अक्सर आता था। हवेली के अंदर घुसते ही उसे ठंडी हवा का झोंका महसूस हुआ। वह आदमी