तेरे मेरे दरमियाँ - 12

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तेरे मेरे दरमियाँ – एपिसोड 12"शादी की तारीख़... और एक अनजाना साया"---“जब दिल तय कर चुका हो साथ चलना,तो वक़्त और दुनिया की उलझनों को भी झुकना पड़ता है।”--- सीन 1: संजना का घर – सुबह 10 बजेसाल के पहले दिन की शुरुआत थी।माँ पूजा की थाली लेकर आईं और संजना के माथे पर तिलक लगाते हुए बोलीं —"इस साल हमारी बिटिया की शादी हो जाएगी…"संजना मुस्कुरा तो दी, लेकिन मन में हल्की सी झिझक थी।"पापा से बात करनी है न… तारीख़ तय करनी है।क्या वो मान जाएंगे?""वो मान चुके हैं… पर वो चाहते हैं कि पहले आरव की