वो जो मेरा था - 9

"वो जो मेरा था..." Episode 9 – जब काव्या ने पहली बार आरव के लिए लिखा…---कहते हैं, लिखने वाला हमेशा किसी के लिए लिखता है — चाहे नाम लिखे या न लिखे।काव्या ने अब तक अपने शब्दों में कई लोगों की कहानियाँ पिरोई थीं, लेकिन आज वो अपने शब्दों में "उस" को पिरोने वाली थी, जो अब सिर्फ उसकी कहानी का हिस्सा नहीं, बल्कि उसकी ज़िंदगी का पन्ना बन चुका था — आरव।---️ सुबह की शुरुआत – एक अनकहा इरादासुबह 6 बजे, खिड़की से आती हल्की सुनहरी धूप काव्या के चेहरे पर पड़ी।आज का दिन अलग था — उसके मन