वो पहली बारिश का वादा - 3

कॉलेज कैंपस की सुबहबारिश के बाद की सुबह कुछ खास होती है। नमी से भरी हुई मिट्टी की खुशबू, पत्तों पर ठहरे पानी के कतरे और धीमी-धीमी ठंडी हवा मन को सुकून देती है। वहीं कॉलेज के गेट पर, अनया एक पेड़ की छांव में खड़ी थी, हाथों में वही किताब जो पिछले दिन आयुष ने उसे दी थी।आयुष थोड़ी देर में साइकिल से आता है, उसके चेहरे पर वही संकोच भरी मुस्कान।"गुड मॉर्निंग!" अनया ने हल्की मुस्कान के साथ कहा।"गुड मॉर्निंग!" आयुष ने भी जवाब दिया, "किताब पढ़ ली?""हाँ, और तुमसे एक सवाल भी पूछना है," अनया ने किताब