भाग 5अगले कुछ दिन हर किसी के लिए भारी थे. डर और बेचैनी ने उनके रोज़मर्रा के जीवन पर हावी होना शुरू कर दिया था. हर छोटी सी बात उन्हें किसी अदृश्य, भयावह उपस्थिति का एहसास कराती थी. उन्होंने विवेक के सुझाव के अनुसार अपनी-अपनी डायरियों में अजीबोगरीब घटनाओं को नोट करना शुरू कर दिया था. हर शाम, वे एक-दूसरे से वीडियो कॉल पर जुड़ते और अपनी ऑब्ज़र्वेशंस साझा करते, उनके चेहरों पर चिंता और थकान साफ झलक रही थी.छाया के लिए यह एक अजीब अनुभव था. उसे अपने अपार्टमेंट में हर छोटी चीज़ पर शक होने लगा था. कभी