मंज़िले कहानी सगरहे मे ----एक खमोशी ---- नाम की कहानी जो सत्य पर आधारित है। वो लिखने को आज मन किया। समय 81 का था। सत्य घटना पर आधारित एक खमोशी एक सदमा, एक बेचैनी इसके जयादा कुछ नहीं था।मिलिटेंट का साम्राज्य था उस वक़्त पंजाब मे, पंजाब एक गूंगी जंग मे अंधा वलीन था। कौन आपना कौन पराया था। उस घर की कहानी जो खेतो मे था। बापू का नाम साधु सिंह था। माँ थी, और भी भाई थे। वो पक्के सरदार थे। दाढ़ी जिनकी खुली रखते थे... घातरे वाले जाथेदार थे। उनका बाबा धर्मिक पुरष था।हाँ एक बात थी। मिलिटेंट