प्रस्तावनाएक छोटे से कस्बे की मासूम, भोली और सादगी से भरी लड़की थी — सिया।उसका बचपन मुश्किलों से भरा रहा। माँ का साया जल्दी उठ गया और पिता की बीमारी ने उसके सपनों को बोझ बना दिया। पढ़ाई में होशियार होने के बावजूद सिया किताबों से ज्यादा घर की जिम्मेदारियों में उलझी रही। वह अपने छोटे भाई‑बहनों की परवरिश करती और पिता का सहारा बनी।सिया का सपना था कि आगे पढ़े, नौकरी करे और अपने परिवार की हालत सुधारे। लेकिन किस्मत ने उसके लिए कुछ और ही लिखा था।अर्जुन का परिचयदूसरी ओर था अर्जुन — शहर का सबसे अमीर और