---️ एपिसोड 2: दोस्ती की पहली सीढ़ीबारिश के बाद की वो सुबह कुछ अलग थी। आसमान में बादल अब भी छाए हुए थे, लेकिन बारिश थम चुकी थी। जैसे सारी कायनात अब भी उस भीगी हुई मुलाक़ात की ख़ामोशी में सिमटी हुई थी।कॉलेज का माहौल एक बार फिर रूटीन पर लौट रहा था, लेकिन अन्वी के दिल की धड़कन अब रोज़ की तरह शांत नहीं थी।कल रात की बातें अब तक उसके ज़ेहन में गूंज रही थीं — विवेक की आँखों की गंभीरता, उसका धीरे से कहना – "बारिश फिर होगी..." — ये सब किसी पुराने गीत की तरह उसके