बूंदों में छुपा प्यार - 2

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️ Scene 1: वही पुरानी सड़क, नई उम्मीदबारिश फिर से उसी शाम को आई थी। जान्हवी ने सोचा, क्या वो फिर मिलेगा?  वो उसी बुकस्टोर के सामने खड़ी थी, जहाँ पहली बार विराज से टकराई थी।तभी एक आवाज़ आई —  > “इस बार तुमने किताब नहीं गिराई… लेकिन मेरा दिल फिर से गिर गया।”जान्हवी मुस्कराई। विराज वही था — कैमरा लटकाए, आँखों में वही चमक।--- Scene 2: कॉफी की गर्मी और दिल की ठंडकदोनों पास की एक छोटी सी कैफ़े में बैठते हैं।  जान्हवी कहती है, “तुम बारिश में तस्वीरें क्यों लेते हो?”विराज जवाब देता है:  > “क्योंकि बारिश में लोग सच्चे हो जाते