पिछले अध्याय में:आर्यन ने "अभिज्ञान पाटल" के रहस्यमय संकेतों को सक्रिय कर एक ऐसे द्वार को खोला जिसे "शून्य द्वार" कहा जाता है — एक ब्रह्मांडीय टनल जो त्रिकाल की सीमाओं को मिटाकर समय के प्रवाह से परे ले जाती है। प्रोफेसर ईशान वर्मा और वेदिका की सहायता से, आर्यन ने न केवल अपने मानसिक क्षमताओं का विस्तार किया, बल्कि अब वह ब्रह्मांड की भाषा — श्रुति विज्ञान — को समझने लगा है। लेकिन अभी यह केवल शुरुआत है।अब...शून्य द्वार खुलने के साथ ही चारों ओर एक कंपन-सा फैल गया। हवा स्थिर हो गई, पेड़ झुक गए, और पत्तियां हवा