आज पिशाच की जीत हुई.....अब आगे................अघोरी बाबा अदिति से कहते हैं...." बेटी उस त्रिशूल का उपयोग करो , , खत्म कर दो उसे...."अदिति हां में सिर हिलाते हुए त्रिशूल की तरफ देखती हुई उसे उठाने लगती है, , अघोरी बाबा की बात सुनकर गामाक्ष उस चमकते हुए अभिमंत्रित त्रिशूल को देखकर समझ जाता है अब ये शक्ति उसे खत्म कर सकती हैं इसलिए वो अपनी चाल चलता है....." ठहरो अदिति....अगर तुमने मुझ पर वार किया तो तुम हमेशा के लिए अपने भाई को खो दोगी.... मैं तो मर जाऊंगा लेकिन तुम्हारे इस भाई और उस विवेक को मारकर ही मरूंगा