ऑगस्तो पिनोशे उगार्ते - एक तानाशाह की सत्य कथा - भाग 7

भाग 7: कब्रों का शहर  18 सितंबर 1973 की सुबह सैंटियागो में हवा ठंडी थी, पर उसमें मौत की गंध घुली थी। शहर अब एक विशाल कब्रगाह बन चुका था, जहाँ हर गली में खून के धब्बे और हर घर में डर की साये मंडरा रहे थे। ऑगस्तो पिनोशे अपने सैन्य मुख्यालय में खड़ा था, एक बड़े शीशे के सामने। उसकी वर्दी पर सितारे चमक रहे थे, और उसकी आँखों में एक ऐसी ठंडक थी जो बर्फ को भी शर्मसार कर दे। वह अपने प्रतिबिंब को देख रहा था—एक तानाशाह, जिसने चिली को अपने लोहे के पंजों में जकड़ लिया था।