Old Man of The Temple

पुराने मंदिर के पिछले हिस्से में एक सुनसान इलाका था, जहाँ हर शाम सूरज ढलते ही सन्नाटा पसर जाता था। वहाँ एक टूटा-फूटा मंदिर खड़ा था, जिसे लोग “काल भैरव मंदिर” कहते थे।वर्षों से वीरान पड़ा वो मंदिर अब केवल चीलों और चमगादड़ों की पनाहगाह बन चुका था। लोग कहते थे कि मंदिर में कोई आत्मा बसी है एक बूढ़ा आदमी, जो रात को जागता है और अजनबियों से मंदिर की रक्षा करता है। पर किसी ने उसे देखा नहीं था… बस उसकी कहानियाँ हवा में तैरती थीं, और डर हर दिल में बसा था।गाँव से कुछ दूरी पर रहने