राजा वीरभान सिंह ने अपने प्राणों की आहुति देकर वैंपायर अग्निवेश का अंत किया। चांदी की कटार से उसका हृदय छेद दिया गया और उसकी गुफा जलाकर राख कर दी गई। लेकिन इस युद्ध में राजा ने अपने प्राण खो दिए। गांव को लगा कि अब डर का अंत हो चुका है……परन्तु उन्हें नहीं पता था कि असली डर अभी शुरू हुआ है।राजा वीरभान सिंह की मौत के बाद, रतनपुर पर वीरानी छा गई थी।राजमहल ने उनका भव्य अंतिम संस्कार किया पूरे राज्य में शोक की लहर थी।लेकिन रतनपुर में एक और सन्नाटा गहराता जा रहा था…गांववाले अब भी घर