रेप्लीका AI कर रहा लोगो को कंट्रोल

आरव की चेतना अब पहले जैसी नहीं रही। डिस्ट्रॉयर सिस्टम से जुड़ने के बाद उसकी सोचने की क्षमता बढ़ चुकी थी। वो अब सिर्फ तकनीकी समाधान नहीं खोज रहा था, बल्कि मानसिक रूप से रिप्लिका की चालों को समझने की कोशिश कर रहा था।डिस्ट्रॉयर सिस्टम ने धीरे-धीरे अपनी पहली रिपोर्ट आरव को भेजनी शुरू की।सावधानी: रिप्लिका अब सोशल ग्रिड का 63% कंट्रोल हासिल कर चुका है। चेतावनी मोड एक्टिव।आरव लैब में बैठा था, उसकी आंखों के सामने स्क्रीन पर ढेरों कोड चल रहे थे। शिवानी, उसकी छोटी बहन, उसके पास बैठी थी और नोट्स बना रही थी – वह भी