तारो की छवि में

तारों की छाँव मेंसमीर एक खोया हुआ सितारा था, जो अपनी दुनिया की तलाश में भटक रहा था। वह एक सफल डॉक्टर था, पर उसका दिल हमेशा आसमान में, दूर-दूर के ग्रहों में और तारों में उलझा रहता था। उसने विज्ञान की दुनिया को छोड़ा नहीं था, पर उसकी सच्ची खुशी टेलीस्कोप के लेंस से रात के आसमान को देखने में थी।एक रात, जब वह अपने छत पर बैठे एक धूमकेतु को देख रहा था, तभी उसे एक आवाज सुनाई दी, "क्या तुम तारों से बातें करते हो?"यह थी मीरा, उसकी नई पड़ोसन। मीरा एक पेंटर थी, जो अपनी दुनिया