मनत्रयी दर्शनम्

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प्रस्तावना“मनत्रयी दर्शनम्” एक ऐसा आध्यात्मिक ग्रंथ है, जो मन के पाँच तत्त्वों — अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी और आकाश — के माध्यम से हमारी आंतरिक यात्रा को व्यक्त करता है। यह केवल ज्ञान या दर्शन नहीं, बल्कि अनुभव और अंतर्मन की गहन समझ का एक सूत्रबद्ध रूप है।यह ग्रंथ मन की प्राकृतिक अवस्थाओं को सूक्ष्मता से उद्घाटित करता है — मन की तीव्रता, प्रेम की संवेदना, भावना की गहराई, स्थिरता की पकड़ और अंततः मौन की दिव्यता। हर तत्व एक अध्याय के रूप में प्रस्तुत है, जो मन को समझने और आत्मा तक पहुँचने का मार्ग दिखाता है।“मनत्रयी दर्शनम्”