"संसार में रूप सबके सिर चढ़कर बोलता है" जानवी ने यह अब जाना था। साधारण नैन नक्श पर ह्रदय से कोमल और समझदार बीस वर्षीया जानवी ग्रेजुएशन कर चुकी थी और अब उसके लिए उपयुक्त रिश्ता देखा जा रहा था। पर, उसका गेहुआं रंग और साधारण कद काठी उसके सबसे बड़े दुश्मन प्रतीत हो रहे थे। लगातार नकारे जाने से वह धीरे-धीरे वह अपने में सिमटने लगी थी और फिर एक वर्ष बाद, अपने पापा को समझा बुझा कर उसने आगे की पढ़ाई जारी रखने की आज्ञा ले ली और किताबों को अपना साथी बना लिया । समय अपनी रफ्तार