अर्णव और नीलकंठ

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लेखक: Aadi Jain---अर्णव एक 14 साल का लड़का था, जो हिमालय की गोद में बसे एक छोटे से गांव ‘त्रिलोचनपुर’ में रहता था। वह बाकी बच्चों से अलग था — ज्यादा बोलता नहीं था, अकेले रहना पसंद करता था, और अक्सर पहाड़ों की तरफ देखने लगता, जैसे कुछ खोज रहा हो।उसके पिता लकड़हारे थे और माँ बीमार। घर में पैसों की तंगी थी, लेकिन अर्णव कभी शिकायत नहीं करता। उसका मन बस एक ही चीज़ में लगता था — शिव। वो हर सुबह गांव के पुराने शिव मंदिर में जाकर घंटों बैठा रहता।लोग उसे पागल समझते —“एक भगवान तुम्हारे दुख