वो जो चुपके से देखा करता था... - भाग 4

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भाग 4: "अब वो मेरी कहानी में है..."   "नाम भूल गए होंगे, चेहरा भी धुंधला होगा, पर कुछ नज़रें ताउम्र दिल में ठहर जाती हैं।"     कुछ साल बाद...   एक शाम दोनों पुराने शहर में वापस आए थे— वही स्कूल की गली, वही टूटी-सी चौकी, वही हॉस्टल की दीवारें। अब सब धुंधला था... मगर एहसास बिलकुल साफ़।   "यहीं से तो तुम मुझे साइकिल पर जाती देखते थे न?" लड़की ने मुस्कुराते हुए पूछा।   ️तेरी नज़रों में हैं तेरे सपने तेरे सपनों में है नाराज़ी मुझे लगता है कि बातें दिल की होती लफ़्ज़ों की धोखेबाज़ी️