गांव की गलियों में जब सुबह की हल्की धूप मिट्टी पर उतरती है, तो वो सिर्फ रोशनी नहीं लाती, पुराने किस्सों की परछाइयाँ भी साथ लाती है। ये कहानी ऐसे ही एक गांव की है — जहां नियति ने एक मासूम लड़के के हिस्से में मोहब्बत लिखी, पर निभाने के लिए जीवन की सबसे बड़ी कुर्बानी भी मांग लीउत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव बरगांव में रहता था अर्जुन — शांत स्वभाव का, मेहनती, जिम्मेदार, आंखों में गहराई और चेहरे पर सादगी लिए।परिवार छोटा था — मां श्यामा देवी, पिता हरिनाथ यादव, और छोटी बहन सीमा। पिता खेतों में