अंधेरी कोठरी का रहस्य - भाग 9

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भाग 7: विरासत का दंश पिछले भाग में हमने देखा की....रागिनी ने 'छाया पाशाय नमः' मंत्र का इस्तेमाल कर भैरव नाथ की आत्मा को तो जकड़ लिया, लेकिन अब उसकी परछाई, रंजना, उसके भीतर पूरी तरह से जाग चुकी है। रागिनी को एहसास हो रहा है कि वह अब सिर्फ अपनी नहीं, बल्कि दो अलग-अलग चेतनाओं की मालिक है। भैरव नाथ को बाँधने के बाद, हवेली के रहस्य और भी गहरे हो गए हैं।अब आगे.....वर्तमान में – हवेली का गर्भगृह, पूर्णिमा की सुबहआधी रात की लड़ाई के बाद, हवेली में एक अजीब-सा सन्नाटा छा गया था। दीवारों पर अब काली