राजेड़ू की आखिरी घंटी

  • 156
  • 51

राजस्थान के एक सुदूर गाँव राजेड़ में एक पुरानी, वीरान और झाड़ियों से घिरी हुई इमारत खड़ी है। दीवारें जर्जर हो चुकी हैं, छतें जगह-जगह से गिरी हुईं, और हर कोने में सन्नाटा पसरा हुआ है। लेकिन जो लोग वहां से गुजरते हैं, वे कहते हैं कि कभी-कभी रात को उस खंडहर से घंटी की आवाज़ आती है। एक बूढ़ी सी आवाज़ सुनाई देती है – “बच्चो, किताबें खोलो, आज का पाठ शुरू करते हैं।”यह कोई आम इमारत नहीं थी, यह थी राजेड़ प्राइमरी स्कूल – कभी इस गाँव का गौरव। और इसी स्कूल से जुड़ी है एक रहस्यमयी कहानी,