कहानी: मेरी धड़कन ️प्रस्तावना:कभी-कभी किसी की धड़कनों में अपनी धड़कनें सुनाई देने लगती हैं। वही रिश्ता होता है जिसे शब्दों की ज़रूरत नहीं होती — सिर्फ एहसास काफ़ी होता है। यही एहसास है इस कहानी का नाम — "मेरी धड़कन"।---भाग 1 – पहली मुलाकातरिया, एक सिंपल और शांत लड़की, जो मुंबई की भीड़ में भी खुद को अकेला महसूस करती थी। कॉलेज की पहली क्लास में उसकी नज़र एक लड़के पर पड़ी — अर्जुन। ऊँचा कद, हल्की मुस्कान और आँखों में अजीब सी गहराई। रिया की नज़रें बार-बार उसी की तरफ चली जाती थीं।अर्जुन एक अलग ही दुनिया में