जीवन साथी - साथ सात जन्मों का

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कहानी: "जीवन साथी – साथ सात जन्मों का" ️भाग 1: पहली मुलाक़ातरेवा एक सुलझी हुई, आत्मनिर्भर और खूबसूरत लड़की थी। दिल्ली के एक मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर थी। उसकी जिंदगी में सबकुछ था—नाम, पैसा, और पहचान। लेकिन एक खालीपन था—कोई "हमसफ़र" नहीं था।वहीं, अर्जुन—a down-to-earth, सरल और ईमानदार लड़का—एक छोटे शहर के सरकारी स्कूल में गणित का टीचर था। उसकी दुनिया किताबों और बच्चों में सिमटी हुई थी।एक दिन किस्मत ने दोनों को टकरा दिया—एक वेडिंग फंक्शन में। पहली नजर में कुछ खास नहीं हुआ, लेकिन बातों ही बातों में दिलों की गहराइयां छू गईं।---भाग 2: नज़दीकियाँरेवा को अर्जुन