---️ एपिसोड 2— तकरार की बूँदेंथीम: जब दिल बोलना चाहता है, लेकिन शब्द रास्ता खो देते हैं🪷 भाग : उम्मीद और उलझनसिया की मौजूदगी ने प्राची के मन में जहर घोल दिया है। वो बेंच अब वैसी नहीं रही जहाँ आरव और वो चुपचाप मुस्कुराते थे। अब वहाँ तकरार की छाया है। आरव उससे मिलना चाहता है, सफाई देना चाहता है… पर क्या शब्द सच्चाई को बदल सकते हैं? इस भाग में दोनों के बीच पहली असल टकराहट होती है — बिना चीख के, बस खामोशी की चोट से। भाग : कॉफी शॉप की साजिशएक पुरानी कॉफी शॉप में मिलते हैं आरव