Eclipsed Love - 10

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 आशीर्वाद अनाथालय। पूरा आशीर्वाद अनाथालय अचानक जैसे शोक में डूब सा गया था। अब न यहां से कोई हंसी की आवाज गूँजती थी न किसी बच्चे के चहकने की। सबकुछ जैसे  शांति जी अपने साथ ही लेकर चली गई थी।। उनको गुजरे हुए अभी दो दिन पूरे हो चुके थे। अनाथालय में उनके आत्मा-शांति के लिए लोग आते-जाते रहते थे और असेम्बली हॉल में उनकी प्रतिमा के सामने धूप बत्ती जलाकर लोग रमा जी को सांत्वना देते और चले जाते थे।  लेकिन पावनी ने तब से अपना दरवाजा नहीं खोला था। वह शांति जी के कमरे में खुद को  बंद  करके उनकी यादों