यशस्विनी - 11

लघु उपन्यास यशस्विनी: अध्याय 11: अपने भीतर की यात्रा             रोहित का का मन दुखी हुआ कि उसकी लापरवाहीके कारण यशस्विनी कितनी देर परेशान रही। उसने यशस्विनी को तत्काल संदेश भेजा ….क्षमाचाहता हूं यशस्विनी जी….आपको संदेश नहीं भेज पाया…. बात यह है कि आज एक रक्तदान कार्यक्रममें चले जाने के कारण मैंने अचानक बहुत कमजोरी महसूस की इसलिए... घर पर ही रुका हुआहूँ….      यशस्विनीने तुरंत फोन लगाकर अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा …. मुझे बुला लेते रोहित जी ...लेकिनअगले ही पल सुधारकर कहा -तो मुझे बता देते रोहित जी तो मैं किसी को आपके पास भेज देती…….और