[Adhyay 1 Recape]प्राचीन धरोहरों और विज्ञान के संगम पर खड़ा है आरव रैना, एक युवा पुरातत्व अन्वेषक, जो बचपन से ही सपनों में एक त्रिकोणाकार नेत्र को देखता आया है—एक आंख जो किसी खोए हुए सत्य की ओर इशारा करती है।जब वह अपने गुरु प्रोफेसर सेन के साथ उत्तराखंड के एक सुनसान पहाड़ी क्षेत्र में खुदाई करता है, तो उसे एक रहस्यमयी त्रिकोणीय प्लेट मिलती है, जिस पर अदृश्य प्रतीकों की छाया केवल चंद्रग्रहण की रात ही दिखती है।उस रात, अजीब विद्युत-झंझावात के बीच, आरव को एक दर्शन होता है—तीन द्वार, एक अनसुनी ध्वनि, और एक मंत्र:"शून्य का प्रवेश द्वार