अदाकारा - 2

अदाकारा 2      सुबह उठने के साथ ही उर्मिलाने मानो पूरा घर ही अपने सिर पर उठा लिया था।"सुनील। उठ जा ना यार। दस बज गए हैं। मुझे बेहराम भाई को राखी बाँधने भी जाना है।""तो तू चली जाना।मुझे तो चैन से सोने दो। मुझे क्यों परेशान कर रही हो?।"सुनील ने चादर अपने सिर तक खींचते हुए कहा।"मुझे परेशान मत करो का क्या मतलब? क्या बड़ी दीदी थोड़ी देर में तुम्हें राखी बाँधने नहीं आएगी? चलो,अब उठ जाओ।"उर्मिला ने सुनील से आग्रह करते हुए कहा।इस बार सुनील को उर्मिला का आदेश मानना ही पड़ा। उसने चादर अपने शरीर पर