में और मेरे अहसास - 131

  • 201
  • 1
  • 51

गम को बहा  गम को बहा के दिल हल्का कर दो l दिल को सुकून भरे लम्हों से भर दो ll   ग़म में डूबे रहने से कुछ न पाओगे l खूबसूरती से जिंदगी को सँवर दो ll   क़ायनात में छुपी हुई है हर जगह l जहां भी खुशियाँ दिखे उसे हर दो ll   कठियाईया तो पड़ेगी आगे बढ़ो l हौसलों से संसार समंदर तर दो ll   चाहें खुद परेशान हो पर औरों को l कभी ग़म न मिले एसा वर दो ll १६-६-२०२५  मन पंछी सा मन पंछी सा ऊँचे आसमान में उड़ना चाहता हैं l