️ एपिसोड 12: “जब पहली बार तुम्हें देखा…”> “कुछ लम्हें अल्फ़ाज़ से नहीं…सिर्फ आँखों से लिखे जाते हैं।”---स्थान: दिल्ली — हॉस्पिटल, 3:30 AMअंधेरी रात…बाहर हल्की बारिश हो रही थी।लेकिन अंदर, ज़िंदगी एक नई करवट लेने जा रही थी।रेहाना ऑपरेशन थिएटर में थी।आरव बाहर बेंच पर बैठा, दोनों हाथों से अपना चेहरा थामे हुए — बेचैन, डरा हुआ।हर बीप की आवाज़…हर गुजरता सेकंड…उसे अपने सबसे करीब इंसान से और दूर लग रहा था।---30 मिनट बाद — एक चीख, फिर सन्नाटा… और फिर एक मासूम सी रुलाई।नर्स बाहर आई —उसकी गोद में एक नन्हा-सा चमत्कार था।> “बधाई हो, लड़का हुआ है!”आरव एक