वो जो मेरा था - 7

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"वो जो मेरा था..." Episode 7 – Chapter Café में छुपा राज़---कभी-कभी कुछ ठिकाने सिर्फ मुलाक़ातों के लिए नहीं होते…वो अधूरी कहानियों की आख़िरी सांसें भी बन जाते हैं।काव्या और आरव अब रिया के छोड़े हर संकेत के पीछे चल रहे थे — जैसे कोई अदृश्य डोर उन्हें उस अधूरे अंत तक खींच रही थी।---️ सुबह – Chapter Café का वो कोना“Chapter Café” मुंबई के सबसे पुराने बुक कैफे में से एक था।दीवारें किताबों से ढकी हुईं… खिड़कियों से हल्की धूप अंदर आती… और हवा में कॉफी के साथ स्याही की भी खुशबू घुली रहती।काव्या और आरव जब वहाँ पहुँचे,