नेहरू फाइल्स - भूल-85

भूल-85 विकृत, स्वार्थपूर्णधर्मनिरपेक्षता और अल्पसंख्यकवाद धर्मनिरपेक्षता राज्य को धर्म से पूरी तरह से अलग करना है। यह राज्यों का प्रतिनिधित्व करनेवाले सरकारी संस्थानों और पदाधिकारियों को धार्मिक संस्थानों, धार्मिक प्राधिकरणों एवं धार्मिक पदाधिकारियों से अलग रखने का सिद्धांत है। पश्चिम में ईसाई धर्म के प्रभुत्व के नतीजे बेहद विनाशकारी रहे—तमोयुग (Dark Ages) और हिंसा भरे दंड, दमन, यातना, आनेवाले समय के दौरान भी जारी रहनेवाली पूछताछ। ईसाइयत ‘केवल सत्य’ और ‘इकलौते वास्तविक धर्म’ होने का दावा करता था और वह ईसाई मान्यताओं को मानने से इनकार करने पर विज्ञान तक को मानने से इनकार करता था—और निकोलस कोपरनिकस, गैलीलियो गैलिली, चार्ल्स डार्विन जैसे