शाम का वक्त था। हल्की बारिश की बूंदें रेस्टोरेंट की खिड़कियों पर धीमे-धीमे गिर रही थीं। चारों तरफ एक ठंडी उदासी छाई हुई थी। रेस्टोरेंट के कोने की एक टेबल पर बैठी थी आयात — एक 24 साल की मासूम, सीधी-सादी, दिल से बहुत गहरी लड़की। उसके सामने दो कप कॉफी रखे थे , एक उसके लिए , और दूसरा उसके मंगेतर कुणाल के लिए।हर मिनट घड़ी की सुई के साथ उसके दिल की धड़कनें तेज़ होती जा रही थीं। फोन बार-बार चेक कर चुकी थी, लेकिन कोई मैसेज , कोई कॉल , कुछ नहीं।आज उसका जन्मदिन था। और साथ