पुस्तक संस्कृति - अपने में ब्रह्मांड समेटे इन्द्रधनुष सी यात्रा

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पुस्तक संस्कृति - अपने में ब्रह्मांड समेटे इन्द्रधनुष सी यात्रा पुस्तकें कई बात वह सिखा जाती हैं जो अच्छे से अच्छे वक्ता और विश्विद्यालय नहीं सिखा पाते। वह विचार को परिष्कृत, अनुभव और आजमाकर लिखी होने से हमारे दिल, दिमाग तक असर करती हैं। यह ऐसी संजीवनी है जो ईश्वर ने हम मनुष्यों के लिए सदैव हरी भरी रखी है। इस बार की पुस्तकें रोचकता के साथ साथ रोमांचक और नए प्रयोग से भरी हैं।दो आत्मकथाएं, दो काव्य संग्रह, कथा संग्रह और आलोचना के साथ दो पत्रिकाएं भी हिंदी के विस्तृत वैश्विक जगत में प्रेषित होगी। कहते हैं न, "यदि