आरव ने देखा, रूही ज़मीन पर पड़ी है और चंद्रिका उसके सामने खड़ी है।“तू पागल हो गई है, चंद्रिका! लोग सही कहते हैं, तू चुड़ैल है…”आरव ने चीख कर कहा।चंद्रिका की आँखों से आँसू गिर गए,“हाँ, मैं चुड़ैल हूँ… पर प्यार कर बैठी हूँ… इसकी सज़ा दे दो मुझे…”कहानी यहीं खत्म नहीं हुई थी।आरव और चंद्रिका पहाड़ों में कहीं गुम हो गए थे। कुछ दिनों तक सब कुछ अच्छा रहा। दोनों हँसते, बातें करते, झरनों के किनारे बैठकर बर्फ गिरते देखते।“मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं तुम्हारे साथ यूँ जी पाऊँगी…”चंद्रिका ने एक दिन मुस्कुराते हुए कहा।आरव ने