टाम ज़िंदा हैं - 15

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टाम ज़िंदा है ------- ये कहानी उस झरने की तरा है जो चटानो से गिरता हुआ चटानो मे ही नदी बन कर समा जाता है... ये वो सवेदना एक भावक प्रकिति है जो हम कूछ भूल कर भी आगे चलते जाते है।उस को पकड़ कर भवानी ने कहा था ----" तुम लोगों को जितना भी उच्चा उड़ा लो, तुम गिरते वही हो, यहाँ तुम बने हो। " फिर वो एक रूम मे ले गया, " बस तुम ये बोल दो, कि गिरजा ने ही हथोड़े इस्तेमाल किये है,त्रिपाठी के वो अभोल बच्चे को। " वो ये सोच कर वो हस