माफिया की नजर में - 2

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माफ़िया की नज़र में – Part 2: "वो सिर्फ अजनबी नहीं था""कभी-कभी अजनबी नज़रें… हमारी रूह तक पहचान लेती हैं।"पिछली रात अहाना की आँखों से नींद गायब थी।उसके ज़हन में बार-बार वही एक पल घूम रहा था—रायान सिंगानिया की वो ठंडी, गहरी नज़रें।वो नज़रें, जिनमें कोई इमोशन नहीं था, फिर भी कुछ कह रही थीं।जैसे वो अहाना के मन की हर उलझन, हर डर, और हर सपने को एक पल में पढ़ चुकी हों।उसने बिस्तर पर करवट बदली, लेकिन दिल की धड़कनें शांत नहीं हुईं।"वो कौन है?" उसने खुद से सवाल किया। "और क्यों उसकी एक नज़र मुझे इतना