अदिति ने सब सुन लिया.....अब आगे.........दूसरी तरफ अघोरी बाबा जैसे ही विवेक के अलमारी के दरवाजे को खोलते हैं तभी झट से वो चमगादड़ उड़ने लगता है...... उसे देखकर सब डर जाते हैंमालती जी और सुविता जी कहती हैं...." ये चमगादड़ विवेक के रूम में क्या कर रही है...?..."अघोरी बाबा उन्हें शांत रहने के लिए कहकर उस उड़ते हुए चमगादड़ पर अपने झोले में से भभूत निकाल कर उसपर डालते हैं जिससे वो वहीं गिर जाता है फिर उसे जल्दी से एक मौली से बांधने लगते हैं......इधर अघोरी बाबा के उस चमगादड़ के बांधने से उधर तक्ष बैचेन होने लगता