कभी यादो मे आओ - 5

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कभी यादों में आओ ️ ( मुक्ति ) ***************एप्सन हॉस्पिटल ( काल्पनिक )मुंबई आशी मशीनों से घिरी  आधी बेहोशी कि हालत में लेटी थी । कुछ देर पहले उसे नींद का इंजेक्शन दिया गया था पर उसका असर आशी पर बिल्कुल नहीं हुआ । वो सुनी आंखों से कमरे कि छत को निहार रही थी । नींद उस पर हावी हो रही थी पर वो तो सोना ही नही चाहती थी । आशी का एक हाथ उसके पेट पर था और एक अपनी बगल में ...! दोनों ही जगह उसके हाथ कुछ ढुंढ रहे थे । वो कभी अपनी बगल में कुछ टटोलती तो