तेरी चुप्पी में मेरा नाम था

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यह कहानी है आरव और अनन्या की — दो अनजानों की मुलाक़ात जो ज़िंदगी की सबसे खूबसूरत मोहब्बत बन गई। पर किस्मत ने उन्हें मिलाकर भी जुदा कर दिया। एक अधूरी प्रेमकथा जो दिल को तोड़कर भी उसमें बस जाती है।भूमिका"कभी-कभी लोग एक ही मुलाक़ात में दिल में बस जाते हैं। कभी मोहब्बत चुप रहकर भी अमर हो जाती है… और कभी मौत भी उस मोहब्बत को मिटा नहीं पाती। यह कहानी है आरव और अनन्या की — एक अधूरी मोहब्बत की जो दिल में दर्द बनकर बस जाती है।"---पहली मुलाक़ात – सफर में शुरू हुआ सफरदिल्ली की ठंडी सर्दियों