Chapter 1 – “गाँव का निकम्मा मास्टर”गर्मी की तपती दोपहर थी। गाँव के चौराहे पर कुछ लोग चौपाल जमाए बैठे थे। सबकी बातें एक ही तरफ घूम रही थीं – प्रशांत मास्टर।“अरे सुना तुमने? पंचायत ने अल्टीमेटम दे दिया है!”“हाँ भाई! अगर सात दिन में उसके स्कूल में दस बच्चे नहीं हुए, तो दरवाज़ा बंद!”“हहह… कौन भेजेगा बच्चा उस निकम्मे के पास? अपने टाइम का खुद मास्टर फेल!”“कहते हैं वो बच्चों को मार्शल आर्ट्स सिखाएगा! अरे खुद कभी काबिल था क्या?”भीड़ में हँसी गूँज उठी।गाँव के सिवान के पास, एक जर्जर स्कूल के बरामदे में प्रशांत चुपचाप बैठा था। उसकी