उस शाम की ख़ुशबू...

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शाम की धीमी रौशनी, खिड़की से आती ठंडी हवा ️, और एक मुलाक़ात जो सब कुछ बदल देगी... जब दो अजनबी, अपने ही दिलों के रास्ते चलते हुए, एक-दूसरे की बाहों में सुकून ढूंढ लेते हैं। ---कहानी शुरू होती है...अंशिका, 24 साल की, शांत और सौम्य लड़की थी। किताबें , कॉफ़ी और अकेलापन उसका पसंदीदा कम्बिनेशन था। दिल्ली के एक लाइब्रेरी कैफ़े में उसका रोज़ का आना-जाना था। वहाँ वो कोने वाली खिड़की के पास बैठकर अपने फेवरेट नॉवेल पढ़ा करती थी।एक दिन, वहीँ एक लड़का आया — रुद्र। लंबा, स्मार्ट, आँखों में गहराई और मुस्कान में जादू ।