जंगल के उस पार

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आरव और उसके तीन दोस्त—नेहा, कबीर और राहुल—ने तय किया कि इस बार की छुट्टियों में वे किसी ऐसी जगह जाएंगे जहाँ भीड़ न हो, बल्कि असली रोमांच हो। इंटरनेट पर बहुत खोजने के बाद उन्हें उत्तराखंड के एक अनजाने ट्रैक का ज़िक्र मिला। लिखा था—“अगर हिम्मत है तो इस रास्ते पर कदम रखो।”पहाड़ों के बीच, घने देवदार के जंगल में उनकी यात्रा शुरू हुई। शुरू में सब आसान था, ठंडी हवा, पंछियों की आवाज़ और चारों तरफ़ हरियाली। लेकिन जैसे-जैसे वे आगे बढ़ते गए, रास्ता संकरा होता गया। अचानक तेज़ बारिश शुरू हो गई। उनके मोबाइल पर नेटवर्क नहीं