"अगर तुमने कभी किसी बच्चे की हँसी अंधेरी रात में सुनी है... तो दुआ करना कि वो इंसानी हो।"ये बात बूढ़ी अम्मा अकसर गांव के बच्चों से कहा करती थीं। लेकिन एक बार गाँव का ही एक लड़का, रोहन, उस हँसी का पीछा कर गया... और फिर... वो कभी लौटकर नहीं आया।आज भी रात में उस पुराने स्कूल की खिड़कियों से किसी बच्चे की चीख, हँसी और रेंगती हुई परछाइयों की आवाज़ें आती हैं। और लोग अब भी पूछते हैं — "क्या वो बच्चा इंसान था... या कुछ और?"उत्तराखंड के एक पहाड़ी गांव ‘दुर्गापुरी’ में दशकों से एक पुराना स्कूल