समुंद्र के उस पार - 5

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सब लोग एक जैसे नहीं होते... उन्होंने वादा तो कर दिया था, लेकिन अब उनके दिलों में एक नया बीज अंकुरित हो चुका था- लालच का। वे समझ चुके थे कि इस टापू पर मौजूद दुर्लभ खनिज, औषधीय पौधे और वो चमकते हुए फूल - किसी और जगह नहीं मिल सकते।जिसके लिए उन्होंने बहुत सी यात्राएं भी की थी, लेकिन उन्हें कहीं भी ऐसी अनमोल वस्तुएं नहीं मिली।प्रोफेसर नैनी की चेतावनियाँ उनके लिए सिर्फ एक कहानी बनकर रह गई थीं। मुखिया ने, जो अभी भी इंसानियत में विश्वास रखते थे, मेरी बातों पर भरोसा करते हुए उन सबको टापू से सुरक्षित