तेरे मेरे दरमियाँ - 6

  • 132
  • 69

तेरे मेरे दरमियाँ – एपिसोड 6"जो सामने दिखे, वो पूरा सच नहीं होता…"---जयपुर से लौटे तीन दिन हो चुके थे।कॉलेज की रुटीन दोबारा अपनी रफ्तार में लौट रही थी… लेकिन संजना और आरव के लिए बहुत कुछ बदल चुका था।आरव अब पहले जैसा नहीं रहा था। उसके मज़ाक में अब न तीखापन था, न उसकी बातों में ताने।और संजना?वो भी अब आरव को सिर्फ एक “घमंडी लड़का” नहीं मानती थी।उसके शब्दों में, उसके मौन में, और उसकी आँखों में जो कहानी छिपी थी — संजना उसे पढ़ने लगी थी।--- कॉलेज कैंपस – दोपहर 2:00 बजेसंजना लाइब्रेरी के बाहर खड़ी